Iskcon Bhoga Aarati

Iskcon Bhog Aarati Lyrics in English Bhaja bhakata-vatsala sri-gauraharisri-gaurahari sohi goshtha-biharinanda-jasomati-citta-hari…(1) Bela ho’lo damodara aisa ekhanobhoga-mandire bosi’ koraho bhojana…(2) Nandera nidese baise giri-bara-dharibaladeva-saha sakha baise sari sari…(3) Sukta-sakadi bhaji nalita kushmandadali dalna dugdha-tumbi dadhi moca-khanda…(4) Mudga-bora masha-bora rotika ghritannasashkuli pishtaka khir puli payasanna…(5) Karpura amrita—keli rambha khira-saraamrita rasala, amla dwadasa prakara…(6) Luci cini sarpuri laddu […]

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Iskcon Bhog Aarati with vedicstotra

इस्कॉन भोग-आरती

Iskcon Bhoga Aarati Lyrics in Hindi भज भक्त-वत्सल श्री-गौराहरिश्री-गौराहरि सोही गोष्ठ-बिहारी नंदा-जसोमती-चित्त-हरि…(1) बेला हो ‘लो दामोदरा ऐसा एखानोभोग-मंदिरे बोसी’ कोराहो भोजन…(2) नंदेरा निदेसे बसे गिरि-बारा-धारीबलदेव-साहा सखा बाए साड़ी साड़ी…(3) सुक्त-सकादि भाजी नलिता कुष्मांडाडाली दलना दुग्ध-तुम्बी दधि मोका-खंडा…(4) मुद्गा-बोरा माशा-बोरा रोटिका घृतन्ना सश्कुली पिश्तकाखिर पुली पायसन्ना…(5) कर्पूर अमृत-केली रंभा खीरा-सारअमृत रसाला, अमला द्वादश प्रकारा…(6) लूसी सिनी […]

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मंगला आरती – इस्कॉन इच्छा वृक्ष

ISKCON Mangal Aarti Lyrics in Hindi संसार-दावनला-लिधा-लोकत्राणय कारुण्य-घनघनत्वम् प्राप्तस्य कल्याण-गुणार्णवस्य वंदे गुरुः श्रीचरणारविंदम् (1) महाप्रभो कीर्तन-नृत्य-गीता वदित्र-माद्यन-मानसो रसेनारोमाँका -कम्पाश्रु-तरंग-भजोवन्दे गुरो श्रीचरणारविंदम् (2) श्री-विग्रहराधन-नित्य-नानाश्रृंगार-तन्-मंदिर-मार्जनादौयुक्तस्य भक्तम च नियुंजतो ‘पिवन्दे गुरो श्रीचरणरविंदम् (3) चतुर-विधा-श्री-भगवत-प्रसादस्वादव-अन्न-तृप्तान हरि-भक्त-सघन कृतवैवतृप्तिम भजतः सदायववन्दे गुरो श्रीचरणारविंदम् (4) श्री-राधिका-माधवयोर अपरामाधुर्य-लीला गुण-रूप-नमनंप्रति-क्षणस्वदान-लोलुपास्यवन्दे गुरो श्री-चरणारविंदम् (5) निकुंज-यूनो रति-केलि-सिद्ध्यै ययलिभिर युक्तिर अपेक्षाय तत्रति-दाक्ष्यद अति-वल्लभस्यवन्दे गुरुह श्रीचरणरविंदम् (6) साक्षात्-धरित्वेन […]

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Tulasi vivah

इस्कॉन तुलसी आरती (Iskcon Tulsi Aarti)

Iskcon Tulsi Aarti Lyrics in Hindi नमो नमः तुलसी कृष्ण-प्रेयसी नमो नमःराधा-कृष्ण-सेवा पाबो एइ अभिलाषी | ये तोमार शरण लोय, तारा वंच पूर्ण होयकृपा कोरी’ कोरो तारे वृन्दावन-वासी | मोरा ए अभिलाषा, विलासा कुंजे दियो वासानयना हेरिबो सदा युगल-रूप-रसी | ई निवेदन धरा, सखिरा अनुगत कोरोसेवा-अधिकारा दिए कोरो निज दासी | दीना कृष्ण-दसे कोय, एई […]

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