मार्गशीर्ष गुरुवार व्रत

Mahalakshmi Aarti Lyrics in Marathi

करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता।
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकान्ता।
कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता।
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गातां॥
जय देवी जय देवी…॥

तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी।
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी।
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी।
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी॥
जय देवी जय देवी…॥

चतुराननें कुश्चित कर्मांच्या ओळी।
लिहिल्या असतिल माते माझे निजभाळी।
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी।
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी॥
जय देवी जय देवी…॥

Print Friendly, PDF & Email

By vsadmin