Pradeep Mishra Parthiv Shivling Puja Vidhi: प्रदीप मिश्रा द्वारा घर पर पार्थिव शिवलिंग की पूजा कैसे करें ?

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पार्थिव शिवलिंग

सबको पता है शिवलिंग की पूजा कितनी श्रेष्ठ होती है| शिवलिंग बहुत प्रकार के होते है, उसमे से शिव महापुराण मे पार्थिव शिवलिंग बहुत महत्व बताया गया है| सबसे पहले पार्थिव शिवलिंग का निर्माण पार्वती माता ने किया था |शिव पुराण के अनुसार सोमवार, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष और महाशिवरात्री, इन दिनो मे पार्थिव शिवलिंग की पूजा करणेसे विशेष फल प्राप्त होता|पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से हमारी मनोकामना पुरी होती है और हमारे जीवन के कष्ट दूर हो जाते है|

पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। पार्थिव शिवलिंग की पूजा घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से व्यापार में उन्नति और आर्थिक संकट से मुक्ति पाने के लिए लाभकारी मानी जाती है।

शिव पुराण के अनुसार पार्थिव शिवलिंग कैसे बनाते है?

पार्थिव शिवलिंग का मतलब मिट्टी का बनाया हुआ शिवलिंग होता है| पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए स्वच्छ मिट्टी होनी चाहिये, जो हम घर के गमले या खेती से ले सकते है पर मिट्टी बिलकुल साफसूत्री होनी चाहिये| मिट्टी लेने के बाद उस पर थोडा गंगाजल का छिटा मारे उससे मिट्टी पवित्र हो जायेगी| पार्थिव शिवलिंग बनाने के कुछ नियम होते है सबसे पहले पात्र मे बेलपत्र रखिए बेलपत्र की जो दांडी होती है उसको उत्तर की तरफ रखा जाता है | बेलपत्र पर शिवलिंग का उपर का भाग बनाया जाता है और बाद मे जलाधारी| जलाधारी पूजा करते समय उत्तर की तरफ होनी चाहिये| शिव महापुराण मे ऐसा बोला है शिवजी का पूरा परिवार शिवलिंग मे होता है| शिवलिंग बनाने के बाद हम उसका अभिषेक और शृंगार कर सकते है|

पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए?

पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री
21 गेहू के दाने, 5 कमल गट्टे, 108 साबूत चावल के दाणे, 21 काली मिर्च दाणे, एक चुटकी काले तिल, 1 धतुरा, 7 बेलपत्र, 7 शमीपत्र, 7 गुलाब के फूल,1 वाटी पंचामृत, इत्र, चंदन, 3 सुपारी, रोली, मोली, कपूर, धूप, 2 घी के दीपक,2 जनेऊ, 5 फल इत्यादी |

पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन कैसे करें?

प्रदीप मिष्रा जी की कथा में ऐसा बोला है कि अगर हम शिवलिंग श्रावण महिने के सोमवार, हरतालिका, या शिवरात्री महाशिवरात्री को बनाते है तो हम उसको पुरी रात रख सकते और बाद में उसका विसर्जन कर सकते है|
पार्थिव शिवलिंग की पूजा करते समय जो हमने घी का दीपक जलाया है उसको शांत होने के बाद ही हम शिवलिंग का विसर्जन कर सकते है| पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन करने के लिए, एक बडे बर्तन में जल लेकर उसमें थोड़े फूल डालें | इसके बाद,श्री शिवाय नमस्तुभ्यं या ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग को जल में विसर्जित करें | साथ ही,पार्थिव शिवलिंग की पूजा के लिये जो भी फुल और बेलपत्र चढाया है, उसका भी उसी जल में विसर्जित करें |

विसर्जन करने के बाद जल को तुलसी को छोडके किसी भी पौधे में डाले | शिव महापुराण के अनुसार, पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से धन, धान्य, आरोग्य, और मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिलती है|