महाशिवरात्रि
हमारे हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिवरात्रि का अर्थ है हर महीने के14 वा दिन, जो अमावस्या के 1 दिन पहले आता है। पूर्ण 1 वर्ष मुख्य 12 से 13 शिवरात्रि होती हे। उसमें से जो फरवरी या मार्च माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती हैं उसे महाशिवरात्रि कहते हैं।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन शिव जी के विवाह के साथ जुड़ा हुआ है| इस तिथि पर माता आदिशक्ति और देवो के देव महादेव जी का विवाह हुआ था | इसलिए महा शिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। हर साल इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। महा शिवरात्रि का आयोजन साल के सर्दी के मौसम के अंत में या गर्मी के आगमन से पहले होता है, जब नए ऋतुराज की शुरुआत होती है।
यह त्योहार हिंदू समाज में बहुत खास महत्वपूर्णता रखता है, क्योंकि इस दिन भक्तगण अपने जीवन से अंधकार और अज्ञानता को हटाने के लिए प्रार्थना करते हैं। 2024 में, इस अद्वितीय अवसर को 08 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का एक गहरा आध्यात्मिक महत्व है | इसी दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं। इस दिन अपने जीवन का अन्धकार और कठिनाइयाँ दूर करने के लिए शिव का धन और पूजा की जाती है। इस दिन रात के 12 बजे तक या पूरी रात शिवजी का ध्यान और कीर्तन किया जाता है। यह शुभ अवसर भगवान शिव और देवी शक्ति की दिव्य ऊर्जाओं के अनुभव का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ब्रह्मांड की आध्यात्मिक ऊर्जाएं विशेष रूप से शक्तिशाली होती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त भोलेनाथ का मंदिर सजाके सामूहिक पूजा ध्यान और कीर्तन करते हैं। शिवरात्रि के दौरान मनाया जाने वाला यह एक अनोखा त्योहार है।
शिव की उपासना और व्रत करने से बहुत शुभ फल मिलता है। इस दिन प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग की पूजा और अभिषेक करने से बधाओ का नाश होता है। अगर कोई घर में बीमार है तो इस दिन महामृत्युजय मंत्र का जाप करने से बहुत फल मिलता है|
महाशिवरात्रि के दिन कैसे करें शिव की पूजा ?
महाशिवरात्रि के दिन शिवभक्त अपने दिन की शुरुआत ब्राह्मण मुहूर्त पर उठ के स्नान करके करते हैं। इस दिन नये या स्वच्छ वस्त्र पहन कर शिव जी के मंदिर में जाते हैं। यह दिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, इस दिन महिलाये महाशिवरात्रि का व्रत रख के अपने सुख – सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं|
- पूजा करना बहुत सरल है। सबसे पहले, आप गणेश जी की पूजा करें, और फिर शिव जी की पूजा करें।
- रात के 4 प्रहर में शिवजी की पूजा करनी चाहिए ।
- व्रत रखने वाले को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप, और दीप से शिव जी की पूजा करनी चाहिए और उनके लिए भोग भी लगाना चाहिए।
- शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर को मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को अभिषेक करने के बाद जल से अभिषेक करें |
- पूजा के दौरान, चार पहरों में, आप शिव पंचाक्षर मंत्र “ऊं नम: शिवाय” का जाप करें।
- फिर, भगवान शिव के आठ नामों – भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम, और ईशान – के साथ फूल चढ़ाएं और उनकी आरती और परिक्रमा करें।
- इस दिन शिवलीलाअमृत का पाठ करने का विशेष महत्व है|
महाशिवरात्री के दिन कौन से स्थानों पर यात्रा की जाती है?
महाशिवरात्री के दिन कई स्थानों पर भगवान शिव की यात्रा की जाती है और कई तीर्थस्थलों में भक्तिगान और साधु-संत इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। यहां कुछ प्रमुख स्थानों की सूची है जहां महाशिवरात्री के दिन यात्रा की जाती है:
- केदारनाथ, उत्तराखण्ड:
- केदारनाथ महादेव का मंदिर भारतीय समर्थ्य क्षेत्रों में से एक है और महाशिवरात्री के दिन यहां भक्तों की भारी संख्या में यात्रा की जाती है।
- आमरनाथ, जम्मू-कश्मीर:
- आमरनाथ गुफा का दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु महाशिवरात्री के दिन यहां यात्रा करते हैं।
- महाकालेश्वर, उज्जैन, मध्यप्रदेश:
- महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, महाशिवरात्री के दिन भक्तों की भीड़ और श्रद्धालुओं की भरमार से गूंथा होता है।
- ओमकारेश्वर, केदारघाट, उत्तराखण्ड:
- ओमकारेश्वर महादेव के मंदिर का दर्शन करने के लिए भी महाशिवरात्री को यहां यात्रा की जाती है।
- भैरों मंदिर, बाजपुर, उत्तराखण्ड:
- भैरों मंदिर भी महाशिवरात्री के दिन श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है और यहां यात्रा की जाती है।
- महाकाली गुफा, अम्बाजी, गुजरात:
- अम्बाजी में स्थित महाकाली गुफा में भक्तों की भरमार होती है और यहां महाशिवरात्री के दिन यात्रा की जाती है।
FAQ’S
प्रश्न: महाशिवरात्रि क्या है?
उत्तर: महाशिवरात्रि एक हिन्दू त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसे हर साल फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
प्रश्न: महाशिवरात्रि की पूजा कैसे की जाती है?
उत्तर: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धातुरा, चंदन, रौंग, और फल-फूल चढ़ाते हैं।
प्रश्न : महाशिवरात्री 2024 कब है?
उत्तर: फाल्गुन मास कृष्ण चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को शुरू होगी और 9 मार्च को समाप्त होगी
प्रश्न : महाशिवरात्रि के दिन व्रत क्यों रखा जाता है?
उत्तर: महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद के लिए रखा जाता है। यह भक्तों को शुभता, संतुलन और मानवता में भाईचारे की भावना से भर देता है।
प्रश्न: महाशिवरात्रि के दिन क्या पर्वाह करना चाहिए?
उत्तर: इस दिन भक्तों को व्रत रखना, शिवलिंग की पूजा करना, शिवजी के ध्यान में रहना, मंत्र जप करना, और शिव की कथाओं को सुनना चाहिए।
प्रश्न: महाशिवरात्रि के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर: महाशिवरात्रि के दिन भक्तों को मांस, अंडे, अल्कोहल, और तमाकू का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, बुरे विचारों से बचना चाहिए।
प्रश्न: महाशिवरात्रि के अलावा शिवरात्रि क्या होती है?
उत्तर: शिवरात्रि एक महीने में एक बार होती है, जब हिन्दू कैलेंडर के मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि कहा जाता है।
प्रश्न: महाशिवरात्रि की सही तिथि क्या है?
उत्तर: महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल किसी भी समय हो सकता है, क्योंकि इसे हिन्दू पंचांग के अनुसार मनाया जाता है। हालांकि, यह फाल्गुण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही मनाया जाता है।